बहता पानी हूँ
बहता पानी हूँ
रोका तो
अपने में
सदा के लिए
रुक जाऊंगा
रिश्ते नाते
दोस्त
सब भूल जाऊंगा
संसार से दूर
होता
चला जाऊंगा
एक दिन
बुझ जाऊंगा
यादों में
रह जाऊंगा
डा,राजेंद्र
तेला,निरंतर
जीवन,
36-11-05-2015
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