मुझे भी
तुम्हारी उतनी ही
आवश्यकता है
जितनी तुमको मेरी
मुझे अगर लेना है
तो देना भी पडेगा
संबंधों को
स्थायित्व देना है तो
कदम से कदम
मिला कर चलना होगा
सुख दुःख दोनों में
साथ निभाना होगा
कुछ अपना छोड़ना होगा
कुछ तुम्हारा
स्वीकार करना होगा
तुम्हें अपने बराबर
समझना होगा
निस्वार्थ जीना होगा
© डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
तुम्हारी उतनी ही
आवश्यकता है
जितनी तुमको मेरी
मुझे अगर लेना है
तो देना भी पडेगा
संबंधों को
स्थायित्व देना है तो
कदम से कदम
मिला कर चलना होगा
सुख दुःख दोनों में
साथ निभाना होगा
कुछ अपना छोड़ना होगा
कुछ तुम्हारा
स्वीकार करना होगा
तुम्हें अपने बराबर
समझना होगा
निस्वार्थ जीना होगा
© डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
472-12-07--09-2014
निस्वार्थ,सम्बन्ध,रिश्ते,जीवन , स्थायित्व ,selected
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