बहारों के मौसम में
मन की उदासी
दूर नहीं होती
हँसने मुस्कारने से
तकलीफें
कम नहीं होती
तकलीफ तो
जब कम होनी होगी
तब ही होगी
उम्मीद रखने से
बस कम लगती हैं
खुदा की इबादत से
लड़ने की
हिम्मत बढ़ जाती है
© डा.राजेंद्र
तेला,निरंतर
460-21-31--08-2014
तकलीफ, इबादत,खुदा,प्रार्थना,जीवन
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