क्या तुम्हारी
सुनूँ
क्या अपनी सुनाऊँ
वही दुःख की
दर्द भरी कहानियां
सुन सुना भी लेंगे
चैन तो मिलेगा नहीं
दर्द बढ़ा लेंगे
क्यों ना
प्यार भाईचारे की
कहानियां सुनूँ सुनाऊँ
मिले ना मिले
कुछ देर के लिए तो
हृदय को खुश कर लेंगे
आसूं बहाने से भी
बच जाएंगे
© डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
क्या अपनी सुनाऊँ
वही दुःख की
दर्द भरी कहानियां
सुन सुना भी लेंगे
चैन तो मिलेगा नहीं
दर्द बढ़ा लेंगे
क्यों ना
प्यार भाईचारे की
कहानियां सुनूँ सुनाऊँ
मिले ना मिले
कुछ देर के लिए तो
हृदय को खुश कर लेंगे
आसूं बहाने से भी
बच जाएंगे
© डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
403-14-05--07-2014
ज़िंदगी,दर्द,प्यार,दुःख,आसूं,ख़ुशी,selected
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें