दिल चीर कर भी रख दूं
तुझसे मोहब्बत
साबित हो नहीं सकती
कितनी भी गुहार लगाऊँ
सच्चाई बयाँ हो नहीं सकती
जब तक तुझे
यकीन नहीं मुझ पर
कुछ भी कहूं
मेरी हर बात तुझे
झूठी लगती रहेगी
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
02-58-01-02-2013
यकीन,विश्वास,मोहब्बत,ऐतबार
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