खुदा से इल्तजा है
ज़िन्दगी की चादर से
हसरतों की नाकामियों के
दाग मिटा दे
सूखे हुए आंसूओं को
कामयाबी के पानी से
धो दे
मोहब्बत के सफ़र में
गिरता पड़ता रहा हूँ
राह को थोड़ा आसान
बना दे
उनसे मेरी मुलाक़ात
करा दे
तडपते हुए दिल को
सुकून दे दे
30-05-2012
548-68-05-12
भावमय करते शब्द ...
उत्तर देंहटाएंभावप्रद रचना:-)
उत्तर देंहटाएंभावपूर्ण रचना...
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