तुमने हाल भी
ना पूंछा हमारा
फिर भी दिल में
ना ही रंज
फिर भी दिल में
ना ही रंज
ना शिकवा गिला तुमसे
हम ही भूल गए थे
हकीकत को
अपना समझ बैठे थे
तुमको
उम्मीद करने लगे थे
अश्कों को पोंछोगे
कंधे पर हाथ रखोगे
किस्मत बदल दोगे
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
हकीकत को
अपना समझ बैठे थे
तुमको
उम्मीद करने लगे थे
अश्कों को पोंछोगे
कंधे पर हाथ रखोगे
किस्मत बदल दोगे
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
22-02-2012
221-132-02-12
पूंछा=पूछा
उत्तर देंहटाएंउम्मीद तो बनी रहती है।
उत्तर देंहटाएंफिर भी
उत्तर देंहटाएंना ही रंज दिल में
ना शिकवा
ना गिला तुमसे...येही समर्पण है...
इसी उम्मीद पर दुनिया कायम हैं
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