अब तो बता दो
तुम्हारी ज़िन्दगी की
अलमारी के
किस कौने में मुझे रखा है
नए कपड़ों के जैसे
पहले खंड में,
पहले खंड में,
जब भी बन ठन कर
जाना होता
जाना होता
उन्हें पहनते हो
या पसंदीदा कपड़ों के जैसे
आँखों के बिलकुल सामने
नए कपडे होते हुए भी
उन्हें ही पहनने का मन करता
या उन पुराने कपड़ों के
जैसे रखा है
जैसे रखा है
जिन्हें ना पहने का
मन करता
मन करता
ना ही फैकने का
मन करता है
या फिर टोपी,रुमाल ,
मोजों की तरह
और लोगों के साथ
एक कौने में सजा
रखा है
जो भी हाथ में आ जाए
मौके और ज़रुरत के
हिसाब से
उसे काम में ले लो
अब तो बता दो
ज़िन्दगी में तुमने
मेरा कौन सा स्थान
तय कर रखा है
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
05-02-2012
108-18-02-12
प्रेम दिवस के उपलक्ष में कुछ अलग हट के आपकी यह पोस्ट....
उत्तर देंहटाएंक्या बात है!!!!
उत्तर देंहटाएंसोचने लायक सवाल है...
बहुत बढ़िया सर...
सादर.
4 comments:
उत्तर देंहटाएंकविता रावत said...
हर किसी के लिए जिंदगी में कहीं न कही स्थान निश्चित रहता है, लेकिन सामने वाला ही बता सकता है वह किसे कौन से जगह रखता है.....बहुत बढ़िया मनोभाव..
February 5, 2012 3:46 PM
JHAROKHA said...
pahli baar aapke blog par aana aur aapki prastuti ko padhna bahut bahut hi achcha laga.
behad sundarta ke saaath man ke bhaon ko aapne upmaon ke jariye vyakt kiya hai -----
badhai
poonam
February 5, 2012 5:42 PM
आदित्य शुक्ला said...
जीने के लिए जरूरी है ये बताना,
कहां छुपा के रक्खा है तूने मुझे।
February 6, 2012 9:32 AM
anju(anu) choudhary said...
जिंदगी की इस दौड़ में ....दोस्ती की दुनिया में ..एक कोना मेरा भी हैं ...
February 6, 2012 12:03 PM
Bahut umda !! behtareen !! badhai .
उत्तर देंहटाएंया मुझे उन
उत्तर देंहटाएंपुराने कपड़ों के जैसे
रखा है
जिन्हें ना पहने का
मन करता
ना ही फैकने का
मन करता है.......................एक बार फिर से इस पर कमेन्ट देने चली आई .....सच में जिंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो ना तोड़े जाते हैं और ना छोड़े जाते हैं .......
उम्दा रचना..
उत्तर देंहटाएंBADI BEKALI SE JAGAH KO TALASHTI EK KHUBSURAT KASHISH
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