तुम नजूमी हो या
हो कोई जादूगर
जो जान लेते हो
क्या चल रहा
मेरे जहन में
क्यों रो रहा दिल
मेरा
झट से ख्यालों में
आ जाते हो
मुझे समझाते हो
दिलासा देते हो
हिम्मत
बनाए रखने की
सलाह देते हो
सब्र का महत्त्व
बताते हो
कहीं मेरे
दिल या मन का
हिस्सा तो नहीं हो
जो बिना बताये
सब समझ जाते हो
जो भी हो ,
मेरे लिए किसी
फ़रिश्ते से कम नहीं हो
तुम वो हो
जिसका साथ
किसी खुश किस्मत
को ही मिल सकता
फिर समझ नहीं आता
क्यों कभी कभी
परेशां हो जाता ?
क्यों भूल जाता ?
तुम मेरे साथ हो....
03-02-2012
103-13-02-12
सुंदर प्रस्तुति ...
उत्तर देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
उत्तर देंहटाएंआपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 13-02-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना!
उत्तर देंहटाएंbahut pyaari rachna hai bdhai aap ko
उत्तर देंहटाएंबहुत सुन्दर...
उत्तर देंहटाएंबढ़िया अभिव्यक्ति
उत्तर देंहटाएंbahut badhiya
उत्तर देंहटाएंतुम वो हो
उत्तर देंहटाएंजिसका साथ
किसी खुश किस्मत
को ही मिल सकता
WAH BHAI NIRANTAR JI YE KHUSH KISHMATI KAI JANMON TK BARKARAR RAHE.....SUNDAR RACHANA KE LIYE SADAR BADHAI.
jab itna sukhad ahshas hai tab wakai pareshaan hona vyarth hai..umda rachna..sadar badhayee aaur aamantran ke sath
उत्तर देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
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