"निरंतर",जो चलता रहे,पीछे को पीछे छोड़,नए सोच के साथ,बिना थके,आगे बढ़ता रहे,निरंतर कुछ नया करता रहे........... "सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग" रोग मुक्त रहो निरंतर चलते रहो.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) किसी भी रचना से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मंतव्य नहीं है फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012
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दीदार=देखना
उत्तर देंहटाएंमुन्तजिर=उम्मीद में इंतज़ार करना
तबस्सुम – मुस्कुराहट...waah bahut khub likha ............khushbu fijaon me bhi baki hai ....:) nice
खूबसूरत यादे ...अब भी साथ हैं ...बहुत खूब
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