हँसमुखजी ने प्रेमपत्र लिखा (हास्य कविता)
===================
हँसमुखजी का
===================
हँसमुखजी का
हाथ हिंदी में तंग था
फिर भी प्रेमिका को
हिंदी में प्रेम पत्र
लिख दिया
तुम मेरी दिल लगी हो
स्वर्गवासी अप्सरा सी
लगती हो
तुम्हारे लिए चाँद तारे
तोड़ कर ला सकता हूँ
कोई नज़रें उठा कर
तुमको देखे ले तो
यमराज की तरह
जान भी ले सकता हूँ
प्रेमिका ने भी प्रेमपत्र का
जवाब प्रेम से दिया
ओ मेरे दिल के चौकीदार
मुझे पाना है तो
तुम्हें भी
स्वर्गवासी होना पडेगा
चाँद तारों को तोड़ने से
पहले
उन्हें छोटा कर पेड़ पर
लटकाना होगा
किसी की जान लेने से
पहले
यमराज सा दिखना
होगा
विवाह के लिए
भैंसे पर बैठ कर आना
पडेगा
अगला प्रेम पत्र लिखो
उसके पहले हिंदी को
सुधारना होगा
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",
07-12-2011
1845-13-12
You might also like:
वाह ..ब्हुत खूब ।
उत्तर देंहटाएंहा हा हा हा हा हा.....बेहद मज़ेदार है ये प्रेम पत्र ...
उत्तर देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
उत्तर देंहटाएंप्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।
http://tetalaa.blogspot.com/
hahahaha----kya prem patra hai nahle pe dahla.
उत्तर देंहटाएंक्या बात है.....
उत्तर देंहटाएंबढ़िया प्रेम पत्र है..
उत्तर देंहटाएंbhaut hi accha....
उत्तर देंहटाएंbichare hansmukh.....ab kon sa sabak pahle padhe...prem ka ya hindi ka ?
उत्तर देंहटाएं